पांच पहर काम (कर्म) किया, तीन पहर सोए,
एको घड़ी न हरी भजे तो मुक्ति कहाँ से होए..!
शब्द-शब्द में ब्रम्हा हैं, शब्द-शब्द में सार,
शब्द सदा ऐसे कहो जिनसे उपजे प्यार..!!
Dec 2019
पांच पहर काम (कर्म) किया, तीन पहर सोए,
एको घड़ी न हरी भजे तो मुक्ति कहाँ से होए..!
शब्द-शब्द में ब्रम्हा हैं, शब्द-शब्द में सार,
शब्द सदा ऐसे कहो जिनसे उपजे प्यार..!!